शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना, जो सब मनुष्यों में पहले से विधमान है – स्वामी विवेकानंद
पुरातन गुरु शिष्य परम्परा को आगे बढ़ाते हुए आचरण निष्ठ शिक्षको द्वारा शिष्यों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन के साथ आदर्शनिष्ठ विधार्थी के सृजन की कल्पना के साथ 15 मई 1981 को कोशीपुत्र स्व० क्रीति नारायण मंडल द्वारा सूर-तुलसी इंटर महाविधालय कटिहार की स्थापना की गयी | सूर-तुलसी इंटर महाविधालय ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित स्व० अर्जुन प्रसाद यादव के मकान से यात्रा शुरू कर अब अपने वर्तमान भव्य परिसर में स्थायी रूप से पठन-पाठन का कार्य संचालन कर रहा है |
प्रारंभिक चरणों में – प्रो० सुकदेव प्रसाद यादव के नयाटोला स्थित भूखंड पर और बाद में सिरसा दलन में महाविधालय के भवन का निर्माण हुआ | सेना के महत्वपूर्ण छावनी और संचार सुविधा में तकनिकी बाधा होने के वजह से गृह मंत्रालय के आदेश पर महाविधालय भवन को ध्वस्त करना पड़ा तत्पश्चात ध्वस्त ईट से डी० एस० कॉलेज के सटे खनकाह मोहल्ले में प्रो० जगदीश प्रसाद यादव, प्रो० तारणी प्रसाद यादव तथा प्रो० सुकदेव प्रसाद यादव की जमीन पर बने शेड पर महाविधालय संचालित हुआ |
महाविधालय महापरिवार अपने दाताओ तथा जनप्रतिनिधियों का आभार प्रकट करता है जिन्होंने समय-समय पर सक्रिय सहयोग एवं आशीर्वाद देकर महाविधालय को उंचाई तक पहुचाया है |
दाता के रूप में – स्व० क्रीति प्रसाद मंडल , प्रो० तारणी प्रसाद यादव, प्रो० जगदीश प्रसाद यादव, प्रो० राम प्रकाश महतो,प्रो० सुकदेव प्रसाद यादव, श्री कारेलाल सह, श्री रामपति यादव, श्री भुवनेश्वर प्रसाद यादव, स्व० रे चन्द्र चौधरी, श्री विन्देश्वरी चौधरी, श्री अविनाश प्रसाद चौधरी एवं मो० बशीर के योगदान सराहनीय है |
कार्यकाल के आधार पर जन प्रतिनिधियों के रूप में – मा० विधायक सत्यनारायण प्रसाद कोष से सड़क निर्माण , मा० सांसद श्री तारिक अनवर द्वारा 4 मई 1989 को महाविधालय भवन का शिलान्यास, 22 दिसम्बर 1993 को मा० मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव के कर कमलो द्वारा विधायक, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक प्रो० राम प्रकाश महतो की अध्यक्षता में भवन का उद्घाटन हुआ | विधायक के रूप में प्रो० महतो के कोष से इट सोलिंग 4 लाख की राशी से दो मंजिला स्वरुप के अलावे महाविधालय के विकासात्मक कार्य में डॉ० महतो की अहम् भूमिका रही है | प्रवेश द्वार प्राणपुर विधायक महेंद्र नारायण यादव, मा० विधान पार्षद श्री राजेश्वर लाल द्वारा दो कमरा, मा० विधान पार्षद डॉ० शरद प्रसाद सिंह द्वारा एक कमरा, मा० विधान पार्षद श्री शिव नंदन प्रसाद सिंह द्वारा कंप्यूटर, मा० विधान पार्षद श्री अशोक अग्रवाल द्वारा गर्ल्स कॉमन रूम, मा० विधान पार्षद डॉ० संजीव कुमार सिंह द्वारा एक कमरा, मा० विधायक तारकिशोर प्रसाद से बहुउद्देशीय प्रसाल तथा जननायक कर्पूरी छात्रावास महाविधालय को प्राप्त हुआ |
महाविधालय के स्थापना काल से अब तक पूर्व सचिव प्रो० जगदिश प्र० यादव का महाविधालय के विकास में स्मरणीय भूमिका रही है | अध्यक्ष के रूप में प्रो० तारणी प्र० यादव, प्रो० जगदिश प्र० मांझी, माननीय विधायक श्री तारकिशोर प्र० एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री डॉ० राम प्रकाश महतो का महाविधालय के संचालन में अहम् भूमिका रही है | संस्थापक प्राध्यापक सह पूर्व प्राचार्य डॉ० घनश्याम नारायण यादव का महाविधालय के स्थापना काल से ही सक्रिय भूमिका रही है |
इस प्रकार आज महाविधालय दाताओ, जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षा प्रेमियों के अनुदानों, सहयोग एवं आशीर्वाद के फलस्वरूप महाविधालय पेयजल,विधुतीकरण,दूरभाष,जनरेटर,चहार दिवारी,छात्रावास,प्रधानाचार्य आवास, उत्तम प्रयोगशाला, पुस्तकालय, एवं खेल कूद की सामग्री तथा CCTV युक्त आधुनिक यन्त्र की सुविधा से महाविधालय लेस हो चूका है |